भारत विकासशील देशों में से एक होने के बावजूद, गरीबी की समस्या से जूझ रहा है। देश के कई राज्यों में, गरीबी का स्तर चिंताजनक रूप से ऊँचा है। भारत के 4 सबसे गरीब राज्यों पर नज़र डालेंगे और उनकी गरीबी के कारणों और समाधानों पर चर्चा करेंगे।
बिहार
- गरीबी दुर्भाग्य से, बिहार भारत के सबसे गरीब राज्यों में से एक है। यहाँ शिक्षा का स्तर कम है, रोजगार के अवसर सीमित हैं और बुनियादी सुविधाओं की कमी है।
- बाढ़ बिहार को हर साल बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ता है, जिससे फसलें बर्बाद हो जाती हैं और गरीबी और बढ़ जाती है।
- अशिक्षा बिहार में साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से कम है। शिक्षा की कमी रोजगार के अवसरों को कम करती है और गरीबी के चक्र को बनाए रखती है
झारखंड
- गरीबी झारखंड भारत के सबसे गरीब राज्यों में दूसरे स्थान पर आता है।
- रोजगार का अभाव खनिज संपदा होते हुए भी, आदिवासी समुदायों सहित कई लोगों के लिए रोजगार के अवसर अब तक सीमित नहीं है
- भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार विकास में बाधा उत्पन्न करता है और गरीबी रेखा को बढ़ावा देता है। जिससे लोगो को बहोत सी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है और उनका भविष्या ख़तरे में पड़ जाता है
मणिपुर
- विकास में पिछड़ापन मणिपुर भारत के राज्य में तीसरे नंबर पर आता है,और विकास के मामले में अन्य राज्यों से पीछे रह जाता है,राज्य में कभी-कभी उग्रवाद की घटनाएँ भी विकास में बाधा डालती हैं।
- आवागमन की कमी पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहाँ सड़क और परिवहन व्यवस्था का विकास पूरा तरह से नहीं हो पाया है।जिस के चलते लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है |
- रोजगार के अवसर रोजगार के कम सीमित अवसरों के कारण युवाओं के लिए पलायन करना एक बड़ी समस्या बन गई। जिससे उनका खुद का गुजारा कर पाना कठिन हो गया |
असम
- असम भारत के गरीबी राज्य में चौथे नंबर पर आता है आदिवासियों या पिछड़े समुदायों का शोषण असम के इन अपेक्षाकृत विकसित हिस्सों में उच्च गरीबी के प्राथमिक कारण है
- असम की अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर आधारित है और 69% आबादी इसमें लगी हुई है। भूकम्प तथा बाढ़ आसाम की दो प्रमुख समस्याएँ हैं। बाढ़ से प्राय: प्रतिवर्ष 8 से 10 करोड़ रुपए की माल की क्षति होती है
- असम विकास के मामले में भी काफी हद तक पीछे रह गया है तथा लोगो का कम पढ़ा लिखा होने भी राज्य के विकास में बाधा उत्पन करता है |