आज हम पंजाब के 5 प्रसिद्ध सूफी गायकों के बारे में जानेंगे, जिनकी आवाज ने ना सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया में धूम मचा दी है। इन गायकों ने अपनी मधुर आवाज और भावपूर्ण प्रस्तुतियों से सूफी संगीत को एक नया आयाम दिया है।
मास्टर सलीम
- मास्टर सलीम का, जो अपनी मधुर आवाज और भावपूर्ण गायन के लिए जाने जाते हैं। भक्ति गीतों और बॉलीवुड प्लेबैक सिंगिंग में अपनी पहचान बना चुके मास्टर सलीम, पंजाब के लोकप्रिय सूफी गायकों में भी शुमार हैं
- मास्टर सलीम का जन्म पंजाब के शाहकोट 13 जुलाई 1982 में हुआ था उनके उस्ताद पूर्ण सिंह कोटि थे जो उनके पिता जी है उनको संगीत विरासत में मिली, क्योंकि उनके पिता पूर्ण सिंह कोटि भी एक प्रसिद्ध सूफी गायक थे। उन्होंने अपने पिता से ही संगीत की बारीकियां सीखीं और बचपन से ही गायन में रुचि रखते थे। सलीम की पहचान भक्ति गीत और बॉलीवुड में प्लेबैक सिंगर के तोर पर बनी हुई मुन्नी बदनाम उनका गीत है जो भारत में खूब चला था है मास्टर सलीम एक सूफी सिंगर भी है
- मास्टर सलीम ने अपने करियर की शुरुआत भक्ति गीतों से की। उनकी मधुर आवाज और भावपूर्ण गायन लोगों के दिलों को छू गए। धीरे-धीरे उनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी और उन्हें बॉलीवुड फिल्मों में भी गाने का मौका मिला। “मुन्नी बदनाम हुई” गीत ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और वे एक लोकप्रिय प्लेबैक सिंगर बन गए।
कंवर ग्रेवाल
कंवर ग्रेवाल का जन्म पंजाब के बठिडा मेहमा सवाई में हुआ था बचपन में वह बाथरूम सिंगर थे एक दिन उनके पिता ने उन्हें गाने गाते पकड़ लिया इस घटना के बाद उनके पिता ने उन्हें गाने के प्रति प्रोत्साहित किया तब से गायन उसका पेशा बन गया वह एक उच्चे स्वर के गायक है और लोगो को उनकी दमदार आवाज़ बहुत पसंद है और उन्होंने एक से एक सूफी गीत गए और लोगो में अपनी एक नयी पहचान बनाई
विक्की बादशाह
विक्की बादशाह का जन्म पंजाब के दोसांझ, मोगा में हुआ उनको संगीत विरासत में मिली उनके दादा जी एक सूफी गायक थे और उनके पिता सोमनाथ जी ढोलक मास्टर थे उनको बचपन से घर में संगीत माहोल मिला उनका प्रसीद गीत मैनु कुत्तेया च रख ले, इंच इंच ढुंगा तेरा ना लिख्या और भी अनेक गीत है जो लोगों को बेहद पसंद आए
गुलाम जुगनी
गुलाम जुगनी का जन्म पंजाब के अस्सी कलां, लुधियाना में हुआ था उनको संगीत दादा मस्त जोगी, लाल शाह जी, और सुरिंदर शर्मा ने सिखाया था उन्हें बचपन से सैय्यों के गीत गाने का शौक था वो एक सूफी गायक थे
वडाली ब्रदर्स
वडाली ब्रदर्स पूरनचंद वडाली का जन्म 1940,और प्यारेलाल वडाली का जन्म 1943 में दोनों भाई पंजाब के अमृसर में हुए थे दोनों अमृसर में गुरु की वडाली के सूफी गायक थे उनके पिता ठाकुर दास ने पूरनचंद को संगीत सीखने के लिए मजबूर किया था पूरनचंद ने पटिआला घराने के उस्ताद बड़े गुलाम अली खान जैसे प्रसीद उस्तादों से संगीत की शिक्षा ली थी प्यारेलाल को उनके बड़े भाई ने प्रशिक्षित किया था जीने वह अपना गुरु मानते थे दोनों ने मिलकर खूब सूफी गीत गाये और लोगो के प्रिये बन गए