पिज्जा (Pizza) – इटली
पिज्जा, इटली का एक पारंपरिक व्यंजन है, जिसने अपनी सादगी और स्वाद के कारण दुनिया भर में अपार लोकप्रियता हासिल की है। इसकी उत्पत्ति नेपल्स में मानी जाती है, जहां इसे 18वीं और 19वीं शताब्दी में आम जनता का प्रमुख भोजन माना जाता था। पिज्जा का मूल रूप पतली रोटी पर टमाटर सॉस, पनीर और विभिन्न प्रकार की टॉपिंग्स के संयोजन से बनता है।
पिज्जा का इतिहास रोचक है। प्रारंभ में इसे “फोकसिया” नामक एक सपाट रोटी के रूप में जाना जाता था, जो कि प्राचीन रोम में बनाई जाती थी। समय के साथ, इसमें टमाटर सॉस और पनीर का उपयोग शुरू हुआ, जिससे इसे आज के पिज्जा के रूप में पहचान मिली। 1889 में, रानी मार्गरीटा के सम्मान में बनाये गये “मार्गरीटा पिज्जा” ने इस व्यंजन को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। यह पिज्जा टमाटर, मोज़रेला पनीर और तुलसी के पत्तों से बना था, जो कि इटली के झंडे के रंगों का प्रतीक है।
आज, पिज्जा के कई रूप और प्रकार देखने को मिलते हैं। कुछ प्रसिद्ध प्रकारों में “नेपोलिटन पिज्जा”, “सिसिलियन पिज्जा”, “न्यूयॉर्क स्टाइल पिज्जा” और “शिकागो डीप डिश पिज्जा” शामिल हैं। नेपोलिटन पिज्जा पतली और कुरकुरी होती है, जबकि शिकागो डीप डिश पिज्जा मोटी और परतदार होती है। हर प्रकार की पिज्जा में एक अनोखा स्वाद और बनावट होती है, जो उसे विशेष बनाती है।
पिज्जा का वैश्विक प्रसार और सांस्कृतिक अनुकूलन इसे “टॉप 10 बेस्ट फूड इन द वर्ल्ड” की सूची में प्रमुख स्थान दिलाता है। विभिन्न देशों में पिज्जा को स्थानीय स्वादों और टॉपिंग्स के साथ अनुकूलित किया गया है, जिससे यह एक सार्वभौमिक व्यंजन बन गया है। चाहे आप पारंपरिक इटैलियन पिज्जा का आनंद लें या एक अनोखे फ्यूजन पिज्जा का, यह व्यंजन हर किसी के स्वाद को संतुष्ट करता है।
सुशी (Sushi) – जापान
सुशी, जापान का एक प्रसिद्ध व्यंजन है, जो मुख्य रूप से विनेगर राइस और कच्ची मछली से तैयार किया जाता है। इस व्यंजन का इतिहास सदियों पुराना है और यह जापानी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सुशी के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख प्रकार हैं निगिरी, माकी और साशिमी।
निगिरी सुशी एक प्रकार की सुशी होती है जिसमें एक छोटे आकार के विनेगर राइस के टुकड़े के ऊपर कच्ची मछली या अन्य समुद्री खाद्य पदार्थ होते हैं। माकी सुशी में विनेगर राइस और समुद्री खाद्य पदार्थ को नोरी (समुद्री शैवाल) के साथ लपेटकर रोल किया जाता है और फिर छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है। वहीं, साशिमी सुशी में केवल कच्ची मछली या समुद्री खाद्य पदार्थ होते हैं, जिनके साथ विनेगर राइस नहीं होता।
सुशी की परंपरा जापान में बेहद महत्वपूर्ण है। यह न केवल एक भोजन है, बल्कि एक कला और सांस्कृतिक अनुभव भी है। सुशी को तैयार करने में उत्कृष्टता और संपूर्णता का ध्यान रखा जाता है। सुशी शेफ (इटामा) को कई वर्षों की कठिन प्रशिक्षण और अनुभव की आवश्यकता होती है ताकि वे इस व्यंजन को सही तरीके से तैयार कर सकें।
सुशी की लोकप्रियता अब विश्वभर में फैल चुकी है और यह विभिन्न देशों में अलग-अलग प्रकार और स्वाद में उपलब्ध है। हालांकि, जापान में सुशी का अनुभव कुछ अलग ही होता है, क्योंकि वहां की स्थानीय सामग्री और पारंपरिक तैयारी विधियाँ इसे अद्वितीय बनाती हैं। सुशी न केवल जापानी व्यंजनों में बल्कि दुनिया के टॉप 10 बेस्ट फूड्स में भी शामिल है, जो इसे वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाता है।
टैकोस (Taco) – मेक्सिको
टैकोस, मैक्सिकन आहार का एक अभिन्न हिस्सा हैं, और इन्हें दुनिया भर में बहुत पसंद किया जाता है। टैकोस की उत्पत्ति मैक्सिको से हुई है, और यह एक सरल, लेकिन स्वादिष्ट डिश है जिसमें टॉर्टिला में विभिन्न प्रकार की फिलिंग्स भरी जाती हैं। इन फिलिंग्स में मांस, सब्जियां, बीन्स, और विभिन्न प्रकार के सॉस शामिल हो सकते हैं। टैकोस की विविधता और बहुमुखी प्रकृति इसे हर किसी की पसंद बनाती है।
टैकोस के कई प्रकार होते हैं, जो उनके फिलिंग्स और तैयारी के आधार पर भिन्न होते हैं। कुछ प्रमुख प्रकारों में शामिल हैं:
कार्ने असादा टैकोस
ये टैकोस ग्रिल्ड बीफ से बनाए जाते हैं और इन्हें टॉर्टिला में लपेटा जाता है। इन्हें चटनी, प्याज, और हरे धनिये के साथ परोसा जाता है।
एल पास्तोर टैकोस
ये टैकोस अडोबो सॉस में मेरिनेटेड पोर्क से बनाए जाते हैं। इन्हें अनानास और प्याज के साथ परोसा जाता है, जो एक स्वादिष्ट और खट्टा-मीठा संयोजन बनाते हैं।
फिश टैकोस
फिश टैकोस में ताजे मछली के टुकड़े, जो आमतौर पर तले होते हैं, टॉर्टिला में भरे जाते हैं। इन्हें क्रीम, गोभी, और लाइम के रस के साथ परोसा जाता है।
टैकोस का ओरिजिन
टैकोस की उत्पत्ति प्राचीन मेसोअमेरिका से मानी जाती है, जहां मैक्सिकन लोग टॉर्टिला का उपयोग विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को लपेटने के लिए करते थे। प्राचीन सभ्यता में, टॉर्टिला को मक्का से बनाया जाता था और यह उनकी दैनिक आहार का मुख्य हिस्सा था।
समय के साथ, टैकोस की लोकप्रियता बढ़ती गई और यह मैक्सिकन आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया। टैकोस का सरल और अनुकूलनीय स्वरूप इसे विभिन्न संस्कृतियों में आसानी से स्वीकार्य बनाता है। आज, टैकोस को दुनियाभर में “टॉप 10 बेस्ट फूड इन द वर्ल्ड” में गिना जाता है, और यह विभिन्न खाद्य प्रेमियों के बीच एक पसंदीदा विकल्प बना हुआ है।
क्रोइसां (Croissant) – फ्रांस
क्रोइसां, एक क्लासिक फ्रांसीसी पेस्ट्री, अपनी बटर और परतदार बनावट के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस उत्कृष्ट पेस्ट्री की जड़ें ऑस्ट्रिया में हैं, लेकिन इसे फ्रांस में एक नई पहचान मिली। इसे बनाने की प्रक्रिया में बटर का उपयोग प्रमुखता से होता है, जो इसे एक अद्वितीय स्वाद और बनावट प्रदान करता है।
क्रोइसां के इतिहास की शुरुआत 17वीं सदी में मानी जाती है जब इसे पहली बार विएना में बनाया गया था। लेकिन यह फ्रांस में अपने आधुनिक रूप में विकसित हुआ। 19वीं सदी में, फ्रांस के बेकर्स ने इस ऑस्ट्रियाई पेस्ट्री को अपने तरीके से तैयार करना शुरू किया, जिसमें उन्होंने बटर की परतें जोड़कर इसे और अधिक स्वादिष्ट बना दिया।
क्रोइसां बनाने की प्रक्रिया काफी परिश्रम और धैर्य की मांग करती है। सबसे पहले, आटे और बटर को कई परतों में रोल किया जाता है, जिसे ‘लैमिनेशन’ कहा जाता है। इसके बाद, इसे ठंडा किया जाता है और फिर से रोल किया जाता है ताकि बटर की पतली परतें बनी रहें। इस प्रक्रिया को कई बार दोहराया जाता है, जिससे क्रोइसां की परतदार बनावट तैयार होती है।
विभिन्न प्रकार के क्रोइसां भी उपलब्ध हैं। पारंपरिक क्रोइसां के अलावा, चॉकलेट क्रोइसां, बादाम क्रोइसां और चीज़ क्रोइसां भी बहुत लोकप्रिय हैं। प्रत्येक प्रकार का क्रोइसां अपनी विशेषता और स्वाद के लिए प्रसिद्ध है।
क्रोइसां की लोकप्रियता का कारण इसका अद्वितीय स्वाद और परतदार बनावट है। यह पेस्ट्री न केवल फ्रांस में बल्कि दुनिया भर में पसंद की जाती है। इसे अक्सर नाश्ते में कॉफी के साथ परोसा जाता है, लेकिन इसकी लोकप्रियता के कारण इसे दिन के किसी भी समय खाया जा सकता है।
डिम सम (Dim Sum) – चीन
डिम सम, चीनी व्यंजनों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जिसे अक्सर छोटे-छोटे बाइट्स में परोसा जाता है। यह एक पारंपरिक चीनी भोजन है जो कई प्रकार के स्टीम्ड, फ्राइड या बेक्ड व्यंजनों का संग्रह होता है। डिम सम का सेवन अक्सर चाय के साथ किया जाता है, जिसे यम चा (Yum Cha) के नाम से जाना जाता है। यह खाने की ऐसी कला है जो शताब्दियों पुरानी है और आज भी चीन और दुनिया भर में अत्यधिक पसंद की जाती है।
डिम सम के विभिन्न प्रकारों में शाओमाई, हार गाओ, पाउ, और स्प्रिंग रोल्स शामिल हैं। शाओमाई पारंपरिक रूप से पोर्क और झींगा से भरे हुए होते हैं, जबकि हार गाओ झींगा और बांस की शूट्स से भरे हुए होते हैं। पाउ मीठे या नमकीन हो सकते हैं और आमतौर पर बेक्ड या स्टीम्ड होते हैं। स्प्रिंग रोल्स में ताजी सब्जियों और मीट का मिश्रण होता है जिसे फ्राइड किया जाता है। यह सभी व्यंजन छोटे-छोटे पीस में परोसे जाते हैं, जिससे उन्हें आसानी से खाया जा सकता है।
डिम सम का ओरिजिन दक्षिणी चीन के ग्वांगडोंग प्रांत में माना जाता है, जहां यह यम चा के साथ पारंपरिक चाय घरों में परोसा जाता था। इस भोजन का सांस्कृतिक महत्व इतना गहरा है कि यह चीन के बाहर भी अत्यधिक लोकप्रिय हो गया है। डिम सम का सेवन अब न केवल चीनी रेस्तरां में बल्कि दुनिया भर के विभिन्न रेस्तरां में भी किया जाता है।
डिम सम का सांस्कृतिक महत्व चीनी समाज में आपसी मेलजोल और सामुदायिक भावना को बढ़ावा देता है। यह केवल भोजन का आनंद लेने का तरीका नहीं है, बल्कि परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने का एक माध्यम भी है। डिम सम का अनुभव करना एक सांस्कृतिक यात्रा है जो चीनी खानपान की गहराई और विविधता को उजागर करता है।
पाव भाजी (Pav Bhaji) – भारत
पाव भाजी भारतीय स्ट्रीट फूड का एक प्रमुख उदाहरण है, जो महाराष्ट्र के मुंबई शहर से उत्पन्न हुआ है। यह व्यंजन अपने अनोखे स्वाद और तैयार करने की सरलता के कारण पूरे भारत में बेहद लोकप्रिय हो चुका है। पाव भाजी की शुरुआत 19वीं सदी के उत्तरार्ध में हुई थी, जब कपड़ा मिलों में काम करने वाले मजदूरों के लिए यह एक प्रमुख भोजन बन गया था। यह भोजन त्वरित और संतोषजनक होने के कारण जल्द ही लोगों के बीच लोकप्रिय हो गया।
पाव भाजी का मुख्य आकर्षण उसकी भाजी है, जो विभिन्न सब्जियों को मिलाकर तैयार की जाती है। इसमें आलू, मटर, फूलगोभी, टमाटर, और शिमला मिर्च जैसी सब्जियों को मसालों के साथ पकाया जाता है। मसालों में प्रमुख रूप से हल्दी, लाल मिर्च, गरम मसाला और विशेष पाव भाजी मसाला शामिल होते हैं। इस भाजी को मक्खन के साथ मिलाकर पकाया जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।
पाव भाजी का दूसरा महत्वपूर्ण हिस्सा है पाव – यह छोटे, मुलायम ब्रेड होते हैं जिन्हें बटर में टोस्ट किया जाता है। पाव को भाजी के साथ परोसा जाता है, और इसे खाने का तरीका भी काफी रोचक है। पाव को भाजी में डुबोकर खाने से इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है। इसके साथ प्याज, नींबू और हरी चटनी भी परोसी जाती है, जो इसके स्वाद को और भी अद्वितीय बनाती है।
समय के साथ, पाव भाजी के कई रूप और वेरिएशन भी उभर कर सामने आए हैं। आजकल लोग इसे चीज पाव भाजी, जैन पाव भाजी (जिसमें प्याज और लहसुन का प्रयोग नहीं होता) और यहां तक कि तवा पुलाव के साथ भी परोसते हैं। यह फूड आइटम न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे भारत में हर जगह उपलब्ध है, और अपनी सरलता और स्वादिष्टता के कारण इसे दुनिया के top 10 best food in the world में शामिल किया जा सकता है।
फिश एंड चिप्स (Fish and Chips) – यूनाइटेड किंगडम
फिश एंड चिप्स, यूनाइटेड किंगडम का एक प्रतिष्ठित व्यंजन, फ्राइड फिश और फ्रेंच फ्राइज का एक सादा लेकिन मजेदार संयोजन है। इस व्यंजन का इतिहास 19वीं सदी के मध्य तक जाता है, जब यह पहली बार ब्रिटिश तटवर्ती कस्बों में लोकप्रिय हुआ। फिश एंड चिप्स की सरलता और स्वाद ने इसे तेजी से पूरे देश में एक पसंदीदा व्यंजन बना दिया।
फिश एंड चिप्स का निर्माण प्रक्रिया अपेक्षाकृत सरल है। इसमें ताज़ी मछली, आमतौर पर कॉड या हैडॉक, को एक स्वादिष्ट बैटर में डुबोकर डीप फ्राई किया जाता है। इसे कुरकुरा और सुनहरा होने तक तला जाता है। फ्रेंच फ्राइज, जो इस व्यंजन का दूसरा मुख्य हिस्सा हैं, मोटे और कुरकुरे होते हैं, जिन्हें विशेष रूप से मोटे आलू से बनाया जाता है। इन्हें भी डीप फ्राई किया जाता है, ताकि वे बाहर से कुरकुरे और अंदर से नरम हों।
फिश एंड चिप्स का सांस्कृतिक महत्व ब्रिटिश समाज में गहरा है। यह केवल एक व्यंजन नहीं, बल्कि ब्रिटिश संस्कृति का एक हिस्सा है। लोकल फिश एंड चिप शॉप्स, जिन्हें “चिप्पीज़” कहा जाता है, कई कस्बों और शहरों में मिल जाते हैं और ये स्थानीय समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक स्थल भी होते हैं। यह व्यंजन न केवल स्वाद में उत्कृष्ट है, बल्कि यह ब्रिटिश समाज के लिए एक सांस्कृतिक प्रतीक भी है।
दुनिया भर में प्रसिद्ध 10 फूड्स में से एक, फिश एंड चिप्स, अपनी सादगी और अद्वितीय स्वाद के कारण वैश्विक स्तर पर पहचान बना चुका है। इसे विभिन्न देशों में भी अपनाया गया है, जहां इसे स्थानीय स्वाद और सामग्रियों के साथ अनुकूलित किया गया है। यह व्यंजन न केवल ब्रिटेन की पहचान है, बल्कि यह भोजन के जरिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
पास्ता (Pasta) – इटली
पास्ता, इटली का एक और प्रसिद्ध व्यंजन, जो अपनी विविधता और स्वाद के लिए दुनियाभर में मशहूर है। यह व्यंजन विभिन्न प्रकार की नूडल्स और सॉस के संगम से तैयार किया जाता है, जो इसे एक अद्वितीय और बहुमुखी भोजन बनाते हैं। पास्ता के विभिन्न प्रकार, जैसे स्पेगेटी, फेटुचिनी, और पेन, इसे हर किसी की पसंद बनाते हैं।
स्पेगेटी एक लंबी और पतली नूडल होती है, जो अक्सर टमाटर सॉस, मीट बॉल्स, या सिर्फ जैतून के तेल और लहसुन के साथ परोसी जाती है। दूसरी ओर, फेटुचिनी चौड़ी और सपाट नूडल होती है, जिसे आमतौर पर अल्फ्रेडो सॉस के साथ परोसा जाता है। वहीं, पेन छोटी और ट्यूब-आकार की होती है, जो विभिन्न प्रकार के सॉस और बेक्ड डिशेस के लिए आदर्श मानी जाती है।
पास्ता का ओरिजिन इटली में माना जाता है, लेकिन इसके इतिहास के तार प्राचीन चीन से भी जुड़े हुए हैं। माना जाता है कि मार्को पोलो ने चीन की यात्रा के दौरान नूडल्स के बारे में जाना और इसे इटली में परिचित कराया। हालांकि, इटली में पास्ता का विकास और इसकी विविधता का श्रेय इटली के ही शेफ्स और उनके प्रयोगों को जाता है।
आज, पास्ता दुनिया भर में एक प्रमुख भोजन बन चुका है। इसकी लोकप्रियता का कारण इसका आसानी से तैयार हो जाना और इसके साथ प्रयोग करने की अनंत संभावनाएं हैं। चाहे साधारण लंच हो या कोई विशेष अवसर, पास्ता हर मौके के लिए उपयुक्त है।
बर्गर (Burger) – अमेरिका
बर्गर, जिसे हैमबर्गर भी कहा जाता है, अमेरिकी फास्ट फूड का एक प्रमुख और परिचित हिस्सा है। यह दो बन्स के बीच में मांस का पैटी और विभिन्न टॉपिंग्स के संयोजन से बनता है। इसके आधुनिक स्वरूप का उदय 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में अमेरिकी खानपान संस्कृति में हुआ, हालांकि इसकी जड़ें जर्मनी के हैम्बर्ग शहर से जुड़ी हुई हैं।
बर्गर के इतिहास की बात करें तो 1900 के दशक की शुरुआत में इसे पहली बार अमेरिका में लोकप्रियता मिली। लुई लासेन नामक एक व्यक्ति को अक्सर इस आविष्कार का श्रेय दिया जाता है, जिसने अपने रेस्तरां में इसे एक व्यंजन के रूप में पेश किया था। समय के साथ, बर्गर ने तेजी से अमेरिकी फास्ट फूड इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई और आज यह दुनिया भर में मशहूर हो चुका है।
बर्गर के विभिन्न प्रकारों की बात करें तो, यह कई रूपों में उपलब्ध है। क्लासिक बर्गर में साधारण मांस का पैटी, लेट्यूस, टमाटर, और प्याज होते हैं, जबकि चीज़बर्गर में इसमें चीज़ का भी समावेश होता है। इसके अतिरिक्त, आजकल वेजिटेरियन और वेगन बर्गर भी लोकप्रिय हो रहे हैं, जिनमें मांस के स्थान पर पौधे आधारित सामग्री का उपयोग होता है। बर्गर की विविधता में क्षेत्रीय और सांस्कृतिक प्रभाव भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं; उदाहरण के लिए, टेक्सास में बारबेक्यू सॉस के साथ तैयार बर्गर काफी प्रसिद्ध हैं।
बर्गर की लोकप्रियता के कई कारण हैं। सबसे पहले, इसका स्वाद और संतोषजनक टेक्सचर इसे एक पसंदीदा खाद्य विकल्प बनाते हैं। दूसरा, यह खाने में सुविधाजनक और आसानी से उपलब्ध है, जिससे यह तेजी से जीवनशैली वाले लोगों के लिए एक आदर्श विकल्प बनता है। इसके अलावा, बर्गर की विविधता और अनुकूलन क्षमता इसे व्यक्तिगत स्वाद के हिसाब से तैयार करने की अनुमति देती है, जिससे यह हर किसी की पसंद में फिट बैठता है।
कुल मिलाकर, बर्गर न केवल अमेरिका का एक प्रतिष्ठित व्यंजन है, बल्कि यह वैश्विक फूड कल्चर का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। यह दुनिया भर के शीर्ष 10 बेहतरीन खाद्यों में से एक है, जो अपनी सरलता, स्वाद और अनुकूलन क्षमता के कारण लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाए हुए है।
फालाफल (Falafel) – Middle East
फालाफल, मध्य पूर्व का एक पारंपरिक और प्रिय व्यंजन, विशेष रूप से चने या फावा बीन से तैयार किया जाता है। यह व्यंजन विभिन्न देशों में अपने विविध रूपों और स्वादों के लिए जाना जाता है। फालाफल का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है, जहां इसे मिस्र में सबसे पहले तैयार किया गया था और फिर यह धीरे-धीरे पूरे मध्य पूर्व में फैल गया। फालाफल की उत्पत्ति और इसके प्रसार की प्रक्रिया इसे मध्य पूर्वी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाती है।
फालाफल बनाने की प्रक्रिया सरल होते हुए भी कुछ विशेष तकनीकों की मांग करती है। सबसे पहले, चने या फावा बीन को भिगोकर नरम किया जाता है। इसके बाद इन्हें मसालों के साथ पीसा जाता है, जिससे एक मोटी पेस्ट तैयार होती है। इस पेस्ट को छोटे-छोटे गोले या पैटी के रूप में आकार दिया जाता है, जिन्हें फिर गर्म तेल में तल कर कुरकुरा और सुनहरा बनाया जाता है। फालाफल को अक्सर पिटा ब्रेड में लपेट कर, हुमस, ताहिनी सॉस, और ताजे सलाद के साथ परोसा जाता है।
फालाफल के विभिन्न प्रकार और इसके विविध संस्करण भी मौजूद हैं। उदाहरण के लिए, कुछ क्षेत्रों में इसे हर्ब्स और मसालों के अतिरिक्त मिश्रण के साथ बनाया जाता है, जो इसे एक अद्वितीय स्वाद प्रदान करता है। इसके अलावा, फालाफल को कभी-कभी बेक कर या एयर फ्रायर में तैयार किया जाता है, जिससे यह और भी स्वास्थ्यवर्धक विकल्प बन जाता है।
मध्य पूर्व के विभिन्न देशों में फालाफल का थोड़ा अलग स्वाद हो सकता है, लेकिन इसके मूल तत्व और बनाने की विधि लगभग समान होती हैं। यह व्यंजन न केवल अपने स्वाद के लिए बल्कि अपनी पौष्टिकता और सरलता के लिए भी जाना जाता है। दुनिया भर में लोगों ने इसे अपनाया है और यह शीर्ष 10 सबसे अच्छे खाद्य पदार्थों में अपनी जगह बनाए हुए है।