7 मई 2025 को भारत के विभिन्न हिस्सों में अचानक बिजली गुल हो गई, लेकिन यह कोई तकनीकी खराबी नहीं थी। यह एक राष्ट्रीय स्तर की नागरिक सुरक्षा ड्रिल का हिस्सा था, जिसे ‘ऑपरेशन अभ्यास’ कहा जा रहा है। इस अभ्यास का उद्देश्य युद्ध, आतंकी हमले या प्राकृतिक आपदा जैसी आपातकालीन स्थितियों के लिए नागरिकों को तैयार करना है।
🛡️ क्या है ऑपरेशन अभ्यास?
‘ऑपरेशन अभ्यास’ भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा एक राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा अभियान है, जिसमें देश के 244 जिलों में एक साथ मॉक ड्रिल की जा रही है। इसमें शामिल हैं:
- ब्लैकआउट (बिजली बंद करना)
- साइरन बजाना
- आपातकालीन निकासी प्रक्रिया
- फायर और मेडिकल रेस्पॉन्स
यह अभ्यास दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बरेली जैसे प्रमुख शहरों में भी हो रहा है। बरेली जिले में 10 मिनट का ब्लैकआउट कर आम नागरिकों को प्रशिक्षित किया गया।
⚠️ क्यों बढ़ रही है चिंता बिजली संकट को लेकर?
सिर्फ ड्रिल ही नहीं, भारत में बिजली की मांग भी ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच रही है। नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर (NLDC) के मुताबिक:
- 2018-19 में पीक डिमांड थी: 169 GW
- 2024-25 में बढ़ गई है: 250 GW
- इस गर्मी (मई-जून 2025) में अनुमानित मांग: 270 GW
विशेषज्ञों का मानना है कि गैर-सौर समय, यानी रात में, 15 से 20 GW तक की बिजली की कमी हो सकती है। जिससे कई इलाकों में प्लान्ड पावर कट्स या अनियमित बिजली सप्लाई की स्थिति बन सकती है।
🔥 पाकिस्तान के साथ तनाव: सैन्य तैयारी का असर
5 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में तीन ठिकानों पर जवाबी सैन्य कार्रवाई की है। इसके बाद से देश में सुरक्षा तैयारियां तेज कर दी गई हैं। ब्लैकआउट ड्रिल भी इसी सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है।
💡 आप क्या कर सकते हैं? (सुझाव)
बिजली संकट और आपात स्थितियों को देखते हुए आम नागरिकों को कुछ जरूरी तैयारियां करनी चाहिए:
- 🔋 UPS या इन्वर्टर बैकअप रखें
- ☀️ सोलर बैटरी सिस्टम पर विचार करें
- 🔦 टॉर्च, कैंडल, पावर बैंक हमेशा तैयार रखें
- 📶 मोबाइल व इंटरनेट बैकअप विकल्प अपनाएं
- 📍 स्थानिक नागरिक सुरक्षा ऐप्स और स्थानीय प्रशासन की सूचनाओं पर नज़र रखें